Women’s Day : ‘अवनि’ हैं भारत की पहली महिला MIG-21 पायलट, AIR FORCE बनने का सफर ऐसा रहा है

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इंटरनेशनल महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है। आज पूरी दुनिया में इंटरनेशनल महिला दिवस मनाया जा रहा है और इस दिन उन महिलाओं को याद किया जाता है जिन्होंने अपने क्षेत्र में इतिहास रचा है। यह दिन महिलाओं समर्पित करने का बहुत खास दिन माना जाता है। बता दें कि इस दिवस को मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है जो दुनिया की हर महिला को जागरुक करता है। जिस तरह से पूरे देश में फादर्स डे, वैलेंटाइन्स डे और बाकी डे मनाए जाते हैं उसी तरह से पूरी दुनिया इंटरनेशनल महिला दिवस मनाता है।

देश को आज के युग में इस मुकाम पर पहुंचाने का जितना योगदान पुरुषों ने दिया है उससे कहीं ज्यादा योगदान महिलाओं ने दिया है। आज हम आपको भारत की ऐसी भारतीय महिला लड़ाकू पायलट के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कहानी सुनकर आप युवा महिला भी प्रेरित होंगी और वैसे ही बनना चाहेंगी। इस महिला लड़ाकू पायाल ने राजस्थान के ही वनस्थली विश्वविद्यालय से अपनी डिग्री ली है और भारतीय वायु सेना की परीक्षा पास की और पूरे भारत वर्ष का नाम रोशन किया है।

भारत की पहली महिला लड़ाकू पायलटों में से एक अवनि चतुर्वेदी हैं। बता दें कि मध्य प्रदेश केरीवा जिले की अवनि रहने वाली है। राजस्थान से अवनि की फाइटर पायलट का सफर शुरू हुआ था। राजस्थान से अवनी ने अपनी शिक्षा ग्रहण की है। साल 2014 में अवनि चुतर्वेदी ने राजस्थान की राजधानी जयपुर के वनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस में बी.टेक किया है और इसके बाद उन्होंने भारतीय वायुसेना की परीक्षा भी यहीं से पास करी थी और एयरफोर्स में ज्वाइनिंग कर ली थी।

बाइसन लड़ाकू विमान उड़ाया है

बता दें कि जून 2016 में अवनि ने भारतीय वायुसेना ज्वाइन की थी। अवनि ने हैदराबाद की वायुसेना अकादमी में अपना पूरा प्रशिक्षण किया। 19 फरवरी को गुजराज के जामनगर एयरबेस से अकेले फाइटर प्लेन एयरक्राफ्ट मिग-21 उड़ाकर भारत की पहली महिला पायलट बन गईं हैं। इसके साथ ही फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चुतर्वेदी भारत की पहली भारतीय महीला बन गईं हैं जिन्होंने अकेले लड़ाकू विमान मिग-21 बाइसन उड़ाया है।

प्रेरणा भाई की वर्दी से मिली है

संसदीय सरकार में अवनि के पिता एक कार्यकारी इंजीनियर हैं और मां गृहिणी हैं। टेनिस खेलना और चित्रकारी करना अवनि को पसंद है। बचपन से अवनि का सपना था कि वह भारतीय वायु सेना में जाए और देश का नाम रोशन करे।

बचपन से अवनि के बड़े भाई उसकी प्रेणादायक रहे हैं क्योंकि वह भी आर्मी में अफसर हैं। अवनि को अपने भाई की वर्दी देखकर भारतीय वायुसेना में जाने की प्रेरणा मिली है।

आदर्श हैं कल्पना चावला

अवनि के पिता ने बताया है कि वह बचपन से कल्पना चावला की फैन रही है। जब भी कल्पना के बारे में टीवी या अखबार में कछ आता है तो वह बहुत ध्यान से पढ़ती हैं। वह अक्सर कहती थी कि कड़ी मेहनत से ऐसे मुकाम हासिल कर सकती है। उसने अपने कमरे में कल्पना की तस्वीरें लगाई हुई हैं।

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