राजधानी दिल्ली से वाराणसी के बीच सेमी हाईस्पीड ट्रेन-18 (Train-18) का संचालन दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग (Delhi-Howrah Rail Route) पर आवारा पशुओं के भ्रमण के चलते प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। न्यूज एजेंसी वार्ता के मुताबिक रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आवारा पशुओं का प्रभाव आये दिन शताब्दी और राजधानी जैसी अतिमहत्वपूर्ण ट्रेनों के संचालन को प्रभावति करता रहता है। आये दिन पशुओं के रेलगाड़ियो की चपेट मे आने से कटने के कारण ट्रेन घंटो खड़ी रहती है, बल्कि उनको दुबारा चलाने के लिए खासी मशक्कत भी रेलवे के अफसरो को उठानी पड़ती है।
दिल्ली-हावडा रेलमार्ग पर इटावा जंक्शन के आसपास ही आवारा पशुओं के रेल लाइन पर भ्रमण के दौरान उनके कटने की घटनाएं होती है। ऐसे में हाईस्पीड ट्रेन-18 का संचालन अपने आप में मुश्किल भरा माना जायेगा क्योंकि जब शताब्दी और राजधानी नहीं बच सकी तो हाईस्पीड ट्रेन-18 जिसकी स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिधंटा के आसपास है। रेल लाइन पर आवारा पशुओं के ट्रैक पर आने से रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में ट्रेन-18 का संचालन रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
रेलवे अधिकारी का कहना है कि जब तक स्टेशन और आसपास के क्षेत्रों में आवारा पशुओं को लाइन पर आने से रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था नहीं होगी तब तक ट्रेन खतरों से खाली नहीं रहेगी। इटावा जंक्शन स्टेशन के निकट माल गोदाम के आसपास जहां आवारा जानवर रेलवे ट्रैक पर विचरण करते रहते है। इतना ही नहीं स्टेशन के पूर्वी दिशा में फुट ओवर ब्रिज के नीचे से लोग लाइनपार करते है।
इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन पर भी 2/3 व 4/5 प्लेट फार्मों पर आने-जाने के लिए लोग फुट ओवरब्रिज का कम प्रयोग करते है और लाइन पार करके ही वह प्लेट फार्म पर जाते है। अगर स्टेशन व आसपास के क्षेत्रों में रेलवे के द्वारा फेनिशिंग की व्यवस्था नहीं कराई गई। तो आए दिन टी-18 की चपेट में लोगों के साथ आवारा पशु भी आएंगे इससे ट्रेन का संचालन भी प्रभावित होगा।
रेलवे के निमार्ण विभाग के पीडब्लूडीआई एनके चंद्रवंशी बताते है कि फेनिशिंग के लिए मंडल स्तर से कोई दिशा निदेर्श नहीं मिले है। देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन-18 का ट्रायल दिल्ली से इलाहाबाद तक 29 दिसबर को हुआ था। बुलेट ट्रेन की तरह नजर आने वाली इस ट्रेन का संचालन जनवरी में शुरू हो सकता है।
यह ट्रेन 160 किलो मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेगी और यह आधुनिक सुवाधिआओं से लैस है। रेल मंत्रालय ने ट्रेन को चलाने की सभी तैयारियां पूरी कर ली है हालांकि इस ट्रेन का ट्रायल भी सफल रहा था। ट्रायल के समय सभी गेटों के साथ स्टेशनों पर भी आरपीएफ पूरी तरह से मुस्तैद रही थी।