उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक निजी चैनल पर सचिवालय कर्मियों के खिलाफ दिखायी गए एक ‘‘स्टिंग ऑपरेशन’’ को काफी गम्भीरता से लेते हुए इस सिलसिले में गुरुवार को कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित तीन कर्मियों को फौरन निलम्बित करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर प्राथमिकी दर्ज कराने का भी निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने इस प्रकरण की जांच हेतु एसआईटी के गठन के निर्देश दिए हैं। यह एसआईटी एडीजी (लखनऊ क्षेत्र) राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में गठित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने एसआईटी को तत्काल जांच करने, सभी पक्षों का बयान दर्ज करने और 10 दिन में अपनी जांच को पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा इस तरह के अन्य प्रकरणों की समीक्षा करायी जाए, जिससे आगे इस प्रकार की शिकायतें प्राप्त न हों। गौरतलब है कि एक टीवी चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में प्रदेश सरकार के मंत्रियों के तीन निजी सचिवों को कथित तौर पर रिश्वत मांगते दिखाया गया।
स्टिंग में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप को कथित तौर पर एक तबादले के लिए 40 लाख रूपये मांगते दर्शाया गया। वहीं, राजभर ने बताया कि उन्होंने निजी सचिव को हटा दिया है और मुख्यमंत्री को कडी कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। स्टिंग में खनन राज्य मंत्री अर्चना पाण्डेय के निजी सचिव को एक रिपोर्टर से सौदेबाजी करते हुए दिखाया गया है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष अवस्थी को भी स्टिंग में सौदेबाजी करते हुए दिखाया गया है।