क्या दक्षिण भारत से भी चुनावी मैदान में उतरेंगे राहुल गांधी ?

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कांग्रेस की तमिलनाडु इकाई ने शनिवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह इस दक्षिणी राज्य से चुनाव लड़ें। इसने कहा कि अगले प्रधानमंत्री के रूप में उनके नाम का प्रस्ताव सबसे पहले यहां से द्रमुक ने किया था। तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष के. एस. अलागिरी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अमेठी से चुनाव लड़ने के साथ ही गांधी को तमिलनाडु की किसी सीट से लड़ना चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं लगना चाहिए कि वह केवल उत्तरी राज्य से ताल्लुक रखते हैं, बल्कि वह भारत के लोगों की निधि के रूप में देखे जाते हैं।

उन्होंने द्रमुक प्रमुख एम के स्टालिन के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव में विपक्ष के जीतने पर अगले प्रधानमंत्री के रूप में राहुल गांधी का नाम प्रस्तावित किया था। अलागिरी ने कहा कि द्रमुक नेता द्वारा बनाए गए धर्मनिरपेक्ष गठबंधन को लोगों का पूरा समर्थन प्राप्त है। उन्होंने एक बयान में कहा, ‘इसके मद्देनजर प्रदेश कांग्रेस इकाई और लोगों की ओर से मैं श्री राहुल गांधी से आग्रह करता हूं कि वह तमिलनाडु में किसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। मुझे पूरा विश्वास है कि (द्रमुक नीत) धर्मनिरपेक्ष प्रोग्रेसिव एलायंस इस आग्रह का पूरा समर्थन करेगा।’

अलागिरी ने कहा कि राहुल गांधी को लोग धर्म तथा जाति से परे एक नेता के रूप में मानते हैं और इसलिए वह सिर्फ उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले नहीं हो सकते। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वह विदेशों से कालाधन वापस लाने और किसानों की आय दोगुना करने जैसे वायदों को पूरा करने में विफल रहे। अलागिरी ने राज्य में अन्नाद्रमुक नीत राजग गठबंधन को अवसरवादी करार दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि राहुल उनके आग्रह पर ध्यान देंगे और अपने लिए तमिलनाडु का कोई निर्वाचन क्षेत्र चुनेंगे। तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष ने कहा कि इससे राहुल ‘‘उत्तर और दक्षिण को जोड़ने वाले’’ नेता के रूप में देखे जाएंगे और उन्हें व्यापक जन समर्थन मिलेगा।

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