जम्मू कश्मीर के बडगाम में चॉपर क्रैश में मारे गए पति के शव पर चूड़ियां उतारी और फिर डेढ़ साल के बेटे के साथ सैल्यूट करके उन्हें अंतिम विदाई दी। ,
हरियाणा के झज्जर जिले के गांव भदानी निवासी विक्रांत ने 27 फरवरी दिन बुधवार को बडगाम में हुए चॉपर क्रैश में जान गंवा दी थी। विक्रांत का पार्थिव शरीर शुक्रवार को भदानी गांव लाया गया। करीब 12 बजे शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचा, और फिर हजारों लोगों ने अंतिम यात्रा में हिस्सा लिया। गुरुकुल झज्जर के विजयपाल आचार्य ने मंत्रोच्चारण के साथ विक्रांत का अंतिम संस्कार सम्पन्न करवाया। विक्रांत को उनके डेढ़ साल के बेटे वरदान ने मुखाग्नि दी। इससे पहले वायु सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी।
दिल्ली गेट से ही मंत्री ओपी धनखड़ और एमपी दीपेन्द्र विक्रांत की शव यात्रा में शामिल हो गए थे, जबकि सीएम मनोहर लाल सीधे ही घर पहुंच गए थे। सीएम मनोहरलाल ने शहीद के पिता कृष्ण से बातचीत की व उन्हें सांत्वना देते हुए परिवार को 50 लाख की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की। गांव, क्षेत्र व परिवार के लोगों को जहां अपने बेटे की शहादत पर गर्व है, लेकिन जवान के निधन की खबर मिलने के बाद परिवार के ही नहीं, बल्कि उसके घर पहुंचे हर व्यक्ति की आंखें नम थीं।
सार्जेंट विक्रांत की मां नहीं जानती थी कि शाम को जिस बेटे का कुशलक्षेम उसने पूछा है, अगली सुबह उसकी मौत की खबर आ जाएगी। मां ने बताया कि बेटे से मंगलवार शाम को आखिरी बार बात हुई थी। उसने फोन पर बताया था कि बॉर्डर पर तनाव है, अब वह जल्दी बात नहीं कर पाएगा। फ्लाइट भी यहां से काफी लेनी पड़ रही हैं, ऐसे में वह कुछ दिन व्यस्त रहेगा और इस बार दुश्मन को मिट्टी में मिलाकर ही घर लौटेगा। बेटे के द्वारा कहे गए इन शब्दों को याद कर मां कांता के आंखों में आंसू आ जाते हैं, लेकिन गर्व जताते हुए वह खुद को मजबूत बना रही है।
मां कांता देवी ने रोते हुए कहा कि उसे अपने बेटे पर गर्व है, जो देश के काम आया है। विक्रांत का बेटा वरदान अभी डेढ़ साल का है, बड़ा होने पर उसे भी वह आर्मी में भेजेगी। कांता देवी को ढांढस बंधाने के लिए परिवार की महिलाएं लगी हुई थी तो उधर शहीद की वीरांगना सुमन को भी घर को लोगों के द्वारा समझाया जा रहा था कि उसका पति देश के काम आया है, उस पर उसे गर्व करना चाहिए। सार्जेंट विक्रांत ने 2005 में इंडियन एयरफोर्स ज्वॉइन की थी। फिलहाल उसकी पोस्टिंग जम्मू के एयर स्टेशन में थी।