लखनऊ : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अमरोहा जिले के धनौरा मंडी थाने में हिरासत में एक दलित की मौत के प्रकरण में उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार को नोटिस भेजा। धनौरा मंडी थाने में 26 दिसंबर को पुलिस हिरासत के दौरान 30 वर्षीय दलित युवक की मौत से संबंधित मीडिया खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा कि पुलिस हिरासत में हुई उक्त मौत के बारे में आयोग को सूचित क्यों नहीं किया गया । पुलिस ने चोरी के एक प्रकरण में दलित युवक को 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया था । युवक के परिजन का आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसे छोड़ने के लिए पांच लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, जो वे नहीं दे सके। उसके बाद युवक को यातना दी गयी।
आयोग ने कहा कि अगर मीडिया खबरों में आयी बात सही है तो यह पीड़ित के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है। आयोग ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की रिपोर्ट में यह भी इंगित होना चाहिए कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून एवं नियमों के तहत मृतक के परिजनों को कोई आर्थिक या अन्य राहत प्रदान की गयी या नहीं । मृतक के परिजन का आरोप है कि वे लोग एक विवाह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे, उसी समय पुलिस ने युवक को उठा लिया।