मोती नगर के सुदर्शन पार्क में हुआ हादसे के बाद लोगों की भारी भीड़ मौके पर जुट गई। पड़ोसियों ने धूल के गुबार के बीच एक-एक कर लोगों को निकालकर निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर बाद पीसीआर और दमकलकर्मी भी वहां पहुंच गए। घायलों को नजदीकी आचार्य भिक्षु अस्पताल पहुंचा दिया गया, जहां से गंभीरों को डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया। खबर मिलते ही जिले के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटना स्थल की ओर भागे। देर रात तक करीब 15 लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल पहुंचाया जा चुका था, जिनमें 7 को मृत घोषित कर दिया गया था।
हादसे के एक प्रत्यक्षदर्शी सूरज ने बताया कि डी-ब्लॉक के 96 नंबर प्लॉट में पिछले काफी समय से अंकित गुप्ता नामक शख्स की पंखे की फैक्टरी है। यहां पंखों पर पेट का भी काम किया जाता है। रात करीब 8.45 बजे अचानक तेज धमाका हुआ और धूल का गुबार उठने लगा। सूरज ने बताया कि वह अपने दोस्त मनीष के साथ घटना स्थल की ओर भागा। वह अंदर घुसा और उसने घायलों को निकालकर निजी वाहनों से अस्पताल भेजना शुरू कर दिया। शुरूआत में एक साथ सात लोगों को निकाला गया। इस बीच बचाव दल मौके पर पहुंचा और धीरे-धीरे कुल पंद्रह लोगों को मलबे से निकाला गया। घायलों में पांच लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन लोगों को डीडीयू अस्पताल रेफर कर दिया गया।
पड़ोस के खाली प्लॉट पर भी गिरा मलबा…
हादसे में घायल हुए अशोक नामक शख्स ने बताया कि हादसे के समय वह पहली मंजिल पर दर्जन भर लोगों के साथ मिलकर काम कर रहा था। अचानक एक तेज धमाका हुआ और उस पर मलबा गिर गया। डी-96 का मलबा बराबर में खाली प्लॉट पर गिरा। स्थानीय लोगों की मानें खाली प्लॉट में कबाड़ का गोदाम बनाया हुआ था। यहां पर पांच-छह लोग दबे थे। मलबा हटाकर घायलों को वहां से भी निकाला गया।