रिश्वत लेते क्लर्क को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया:

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नई दिल्ली (समाचार क्यारी/संवाददाता ) नगर परिषद में प्रॉपर्टी आईडी बनाने की एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत लेते क्लर्क को स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार किया है। पुलिस क्लर्क से पूछताछ कर रही है। हांसी की मंडी सैनियान निवासी अजय ने स्टेट विजिलेंस ब्यूरो को दी शिकायत में कहा था कि उसने नगर परिषद जींद में प्रॉपर्टी आईडी बनवानी थी। इसके लिए नगर परिषद में प्रॉपर्टी आईडी एवं टैक्स क्लर्क नरेश ने 10 हजार रुपए मांगे थे।

पांच हजार रुपए उसे पहले दे दिए गए थे जबकि पांच हजार रुपए की डिमांड और कर रहा था। शिकायत के आधार पर डीएसपी कमलजीत के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। इसमें एसआई बलजीत, अनिल, एएसआई कमलजीत, सिपाही कुलदीप को शामिल किया गया जबकि ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर काडा के एक्सईएन सौरभ गर्ग को नियुक्त किया गया। छापामार टीम ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट से हस्ताक्षर करवा व पाउडर लगा शिकायतकर्ता को 500-500 के दस नोट थमा दिए। संपर्क साधने पर प्रॉपर्टी आईडी एवं टैक्स क्लर्क नरेश ने शिकायतकर्ता को डीसी कार्यालय के सामने पार्क में बुला लिया।

जैसे ही नरेश को रिश्वत राशि दी तो इशारा मिलते ही छापामार टीम ने उसे काबू कर लिया। तलाशी लिए जाने पर उसकी जेब से रिश्वत राशि बरामद हो गई। हाथ धुलवाने पर उनका रंग लाल हो गया। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने अजय की शिकायत पर प्रॉपर्टी आईडी एवं टैक्स क्लर्क नरेश के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ शुरू कर दी। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के डीएसपी कमलजीत ने बताया कि प्रॉपर्टी आईडी बनाने की एवज में पांच हजार की रिश्वत लेते क्लर्क को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल क्लर्क से पूछताछ की जा रही है।

16 माह पहले भी पकड़ा गया था एक कर्मचारी विजिलेंस ने 16 माह पहले भी नगर परिषद के कर्मचारी को विजिलेंस ने 2500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। कर्मचारी सुरेश कुमार ने प्रॉपर्टी आईडी बनवाने के नाम पर 10 हजार रुपए मांगे थे और वह 7500 रुपए पहले ले चुका था। बाकी की राशि 2500 उसने मांगी थी। विजिलेंस ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।

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