जल संरक्षण की दिशा में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना कारगर कदम :
– सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाजल संरक्षण की दिशा में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना कारगर कदम : – सरकार की महत्वाकांक्षी योजना से जुड़ रहे हैं किसान – जिला में अब तक 5655 किसानों ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत करवाया रजिस्ट्रेशन से जुड़ रहे हैं किसान
– जिला में अब तक 5655 किसानों ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत करवाया रजिस्ट्रेश
झज्जर, 29 जून जल संरक्षण की दिशा में सरकार की ओर से आमजन विशेष तौर पर किसानों के सहयोग से सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। जल जीवन मिशन के तहत जहां जनस्वास्थ्य विभाग के माध्यम से हर घर में नल से जल पहुंचाने की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है वहीं कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के माध्यम से मेरा पानी-मेरी विरासत नाम महत्वाकांक्षी योजना से किसान जुड़ रहे हैं।
झज्जर जिला में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना से किसान निरंतर जुड़ रहे हैं और विभाग की ओर से किसानों को इस योजना के प्रति लगाव बढ़ रहा है। किसान इस मुहिम में लगातार जुड़ते हुए न केवल योजना का समर्थन कर रहे हैं बल्कि भूजल को बचाने का संकल्प भी ले रहे हैं। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार झज्जर जिला में अब तक 5655 किसानों ने इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए धान की जगह दूसरी फसल लगाने का फैसला करते हुए मु यमंत्री मनोहर लाल की इस योजना को सराहनीय बताया है।
गिरधरपुर गांव के जसबीर, बीर सिंह व सतबीर, छप्पार गांव से धर्मेंद्र तथा तंूबाहेड़ी से राजेश जो सरकार की अपील पर मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में सहभागी बने हैं वे योजना से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि इससे भूजल में सुधार के साथ-साथ वे फसल सुधारीकरण करके अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से हम न केवल अपनी भूमि को बचा सकते हैं बल्कि जल बचाओ मुहिम में भी आहुति डाल पुण्य भी कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भूमि का गिरता जल स्तर बेहद चिंतनीय है, इसके लिए अगर हम आज नहीं चेते तो हमारी आनी वाली पीढ़ी को बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इस वर्ष उन्होंने मु यमंत्री की पहल से प्रेरणा लेते हुए धान की अपेक्षा 5 एकड़ में नरमा व डेढ एकड़ में बाजरा आदि फसल की बुआई की है। इसी प्रकार जिले के अन्य किसान भी इस मुहिम में जुड़ते हुए दूसरी फसलों को अपना रहे हैं, जोकि भविष्य के लिए अच्छा संकेत है। जिले के किसानों ने बताया कि जल का महत्व और भूमि की उपजाऊ शक्ति बनी रहे, इसके लिए गंभीरता से सोचना होगा। इस दिशा में हरियाणा सरकार ने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के माध्यम से किसान हित में निर्णय लिया है।
5655 किसान बने मेरा पानी-मेरी विरासत योजना में भागीदार : डीसी
डीसी जितेंद्र कुमार ने कहा कि किसानों का मेरा पानी-मेरी विरासत योजना से जुडऩा सराहनीय है, इसके लिए किसान दूसरे किसानों को भी प्रेरित करें। उन्होंने बताया कि जिला में अब तक 5655 किसानों ने पार्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है जिससे 19500 एकड़ में (7800 हैक्टेयर) भूमि में अन्य फसलों की बुआई करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि विभाग द्वारा ऐसे किसानों की टीम बना कर वैरिफिकेशन की जा रही है और किसानों को इस मुहिम में जुडऩे की अपील के साथ-साथ जागरुक भी किया जा रहा है।
किसान को सरकार दे रही है 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि :
कृषि विभाग के उप निदेशक डा.इंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि खंड झज्जर में 809 किसानों ने, बेरी में 930 , बादली में 261, बहादुरगढ़ में 645, मातनहेल में 573, साल्हावास में 2342 किसानों ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाया है। अब ये किसान कपास, बाजरा, मक्का, दालें व सब्जी / बागवानी जैसी फसलों की बिजाई कर रहे हैं। इस योजना के तहत किसानों को सरकार द्वारा 7 हजार रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। इसमें 2 हजार रुपए रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही किसान को दिए जाते हैं और शेष 5 हजार रुपए की राशि फसल तैयार होने पर ही दी जाएगी।