नई दिल्ली : दिल्ली की चमचमाती सड़कें बरसात के समय किसी गांव के गड्ढे से अधिक बेहतर नहीं होतीं। बारिश के दौरान दिल्लीवासी जलभराव की शिकायत करके दिल्लीवासी तो उसके समाधान की गलतफहमी लेते हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस काम होता नहीं दिखता। इसी का परिणाम है कि यातायात पुलिस को एक बारिश में जिस स्थान पर जलभराव की शिकायत मिलती है, अगली बारिश में भी वहां लबालब पानी भरा रहता है।
दिल्ली यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, पुलिस को बीते वर्ष 2018 में ढाई सौ से अधिक स्थानों पर जलभराव की शिकायतें मिली थीं, जिसमें से कुछ स्थानों को छोड़ दें, तो अन्य स्थानों पर अगली बारिश में दोबारा शिकायत मिलती रही है। उन्होंने बताया कि बारिश के दौरान पुलिस ने 276 स्थानों पर जलभराव की शिकायत दर्ज की थी। इन स्थानों पर जलभराव को लेकर संबंधित महकमों से शिकायत भी दी गई थी, लेकिन हालात बदतर ही रहे।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि पूरे साल के दौरान सिर्फ रोहतक रोड पर पुलिस को 15 बार जलभराव की शिकायत मिली, जबकि हर एक जलभराव के बाद पुलिस ने संबंधित महकमे को चिट्ठी लिखकर सड़क पर जलभराव के बारे में बताया था। इसके अलावा वजीराबाद रोड पर खजूरी चौक, फ्लाइओवर पर पुलिस को पूरे साल में दस बार जलभराव शिकायत मिली, जबकि वजीराबाद रोड पर ही लोनी गोल चक्कर के पास जलभराव की 12 बार शिकायत मिली।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि राव तुला राम टी-प्वाइंट पर एयरपोर्ट के पास पूरे साल में 13 बार जलभराव हुआ, जिसकी शिकायत यातायात पुलिस को मिली थी। ऐसी ही जलभराव की शिकायतें एनएच-24 पर मिली थीं, जहां गाजीपुर मुर्गा मंडी के पास जून महीने से सितंबर महीने के बीच 11 बार जलभराव हुआ था।
ठीक इसी तरह एमबी रोड पर हमदर्द के आसपास से तीन महीने में पुलिस को 11 बार जलभराव की शिकायतें मिली थीं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि कई बार जिस प्वाइंट पर पिछली बारिश में जलभराव हुआ था, उसी प्वाइंट पर जलभराव की शिकायत मिलती है, जबकि कई बार कुछ फुट या मीटर की दूरी पर जलभराव होता है।