राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जमानत न मिल पाने के कारण महागठबंधन का सियासी होमवर्क एक बार फिर लटक गया. लालू यादव की जमानत याचिका पर अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.
महागठबंधन को पूरी उम्मीद थी कि आज हाईकोर्ट से राजद सुप्रीमो को बेल मिल जाऐगी पर ऐसा नहीं हो सका. फैसला सुरक्षित रह जाने के कारण सीटों की पहचान और बंटवारे में और देरी हो सकती है.
पहले प्लान यह था कि जमानत मिल जाने के बाद लालू प्रसाद पटना आऐंगे और यहीं पर सियासी मंथन करेंगे. कांग्रेस के सहयोगी भी इस सियासी मंथन में उनके साथ होते.
महागठबंधन में ताजा स्थिति यह है कि सभी दलों ने अपने अपने दावे और सीटों की पहचान बता दी है. यह बात लालू प्रसाद की जानकारी में भी है. अब लालू प्रसाद को सब नेताओं से मिलकर इस दावे को जमीन पर उतारना है और अंतिम तौर पर सीटों की पहचान करनी है.
सहयोगी दलों से निपटने के बाद लालू प्रसाद को राजद के उम्मीदवारों की सूची पर भी अंतिम फैसला करना था और खरमास के बाद पहले सीटों की संख्या और बाद में प्रत्याशियों की घोषणा करनी थी. लेकिन अदालत ने जैसे ही फैसला सुरक्षित रखने का आदेश सुनाया महागठबंधन के नेताओं में मायूसी छा गई.
उम्मीद की जा रही है कि अब अगले सप्ताह इस पर कोई फैसला आ सकता है. लेकिन फिलहाल तो महागठबंधन के सियासी होमवर्क पर तो विराम लग ही गया है.