मोदी ने अपने संबोधन में कहा‘‘ अटल जी लोकतंत्र की सर्वोच्चता चाहते थे

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नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वक्ता के तौर पर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की कोई बराबरी नहीं कर सकता और उन्हें हमेशा राष्ट्र के श्रेष्ठ वक्ताओं में गिना जाता रहेगा।

मोदी ने आज यहां संसद भवन के एनेक्सी में आयोजित एक कार्यक्रम में वाजपेयी की स्मृति में सौ रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने के बाद अपने संबोधन में उनकी राजनीतिक प्रतिबद्धता और विचारधारा के प्रति दृढ़ता  का विशेष उल्लेख किया। मोदी ने कहा‘‘ अटल जी लोकतंत्र की सर्वोच्चता चाहते थे। उन्होंने जनसंघ बनाया लेकिन जब लोकतंत्र को बचाने का समय आया तो वाजपेयी और अन्य नेता जनता पार्टी में शामिल हो गए। जब सत्ता में रहने अथवा विचारधारा पर अडिग रहने का प्रश्न आया तो वाजपेयी जी ने जनता पार्टी छोडक़र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बनाई।

मोदी ने कहा वक्ता के तौर पर वाजपेयी जी की कोई बराबरी नहीं कर सकता और उन्हें हमेशा राष्ट्र के श्रेष्ठ वक्ताओं में गिना जाता रहेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा इससे श्री वाजपेयी के भारतीय लोगों और जनसंघ की विचारधारा में विश्वास का पता चलता है जब उन्होंने भाजपा के गठन के बाद कहा था, ‘‘ अंधेरा छटेगा, सूरज निकलेगा, कमल खिलेगा’’।

मोदी ने विपक्षी दलों पर अप्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा, ‘‘ कुछ लोगों के लिए सत्ता ऑक्सीजन है वो इसके बिना जी नहीं सकते, लेकिन वाजपेयी जी ने लंबे समय तक विपक्ष में रहकर राष्ट्र निर्माण के प्रति अपने कत्र्तव्यों का पालन किया। मोदी ने कहा, ‘‘अटल जी द्वारा बनाई गयी पार्टी अब देश की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक है। उनके नेतृत्व में काम करने वाले कार्यकर्ता काफी भाग्यशाली रहे कि उन्हें अटल जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित किया गया था। इसमें अनेक लोगों ने हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिन 25 दिसंबर मंगलवार को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस मौके पर वाजपेयी के साथ काफी लंबे समय तक रहने वाले उनके सहयोगी और वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्त मंत्री अरुण जेटली , भाजपा अध्यक्ष अमित शाह , संस्कृति मंत्री महेश शर्मा और वाजपेयी के परिजन भी मौजूद थे। गौरतलब है कि वित्त मंत्रालय ने गत वर्ष 100 रूपए के नए सिक्के के बारे में एक अधिसूूचना जारी की थी।

वाजपेयी जी की स्मृति में जारी किए गए इस सिक्के का वजन 35 ग्राम और त्रिज्या 2.2 सेंटीमीटर हैै और यह 50 पचास प्रतिशत चाँदी, 40 प्रतिशत ताँबा, पाँच प्रतिशत निकेल और पाँच प्रतिशत जस्ते से बनाया गया है। सिक्के के अग्रभाग पर बीच में अशोक स्तम्भ है जिसके नीचे ‘सत्यमेव जयते’ लिखा है। वृत्त पर बायीं ओर ‘‘भारत’’ और दाहिनी ओर अंग्रेजी में ‘‘इंडिया’’ लिखा है तथा अशोक स्तम्भ के नीचे रुपये का प्रतीक चिह्न और अंग्रेजी के अंक में ‘‘100’’ अंकित है।

सिक्के के पीछे की तरफ वाजपेयी का चित्र है। ऊपर के वृत्त पर बायीं ओर देवनागरी में और दाहिनी ओर अंग्रेजी में ‘‘अटल बिहारी वाजपेयी’’ लिखा है और वृत्त के निचले हिस्से में अंग्रेजी के अंकों में ‘‘1924’’ और ‘‘2018’’ मुद्रित है। उल्लेखनीय है कि वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था और इस वर्ष 16 अगस्त को उनका निधन हो गया था।

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