हरियाणा में लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अपना परचम लहरा दिया है। इस चुनावी जंग में जहां सूबे के मुद्दों पर ‘मोदी’ भारी रहे, वहीं इस जीत से भाजपा के विरोधी भी संकट में हैं। पार्टी की इस ऐतिहासिक जीत ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हरियाणा में अभी ‘मोदी मैजिक’ का असर बरकरार है। जिसके बूते न केवल विरोधी दलों की तमाम रणनीतियां धरी रह गईं, बल्कि यही जादू भाजपा प्रत्याशियों के लिए विरोधियों के खिलाफ मजबूत ढाल भी बना।
अब प्रदेश भाजपा के लिए यह चुनौती होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव तक भी इस मोदी मैजिक को बरकरार रखा जाए, ताकि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा में भी विधायकों का बेड़ा पार हो सके। लोकसभा चुनाव से पहले सूबे में सभी सियासी दलों ने पूरी रणनीति के साथ मैदान में उतरने की कसरत की थी। भाजपा, कांग्रेस, इनेलो, जजपा, आप, बसपा, लोसुपा समेत अन्य दलों ने बाकायदा उन मुद्दों को तैयार किया, जिस पर इन दलों ने अपने विरोधियों की घेराबंदी करनी थी।
शुरूआती दौर में हरियाणा में भाजपा ने सीएम मनोहर लाल सरकार के पिछले साढ़े चार साल के विकास कार्यों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के पांच साल के कामों को आधार बनाते हुए चुनावी जंग की शुरुआत की। विजय संकल्प रैलियों में सीएम समेत सभी मंत्रियों और अन्य भाजपा नेताओं ने इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को घेरना शुरू किया।