भारत प्रशासित कश्मीर में हुए पुलवामा हमले के बाद भारतीय राजनीति, मीडिया और लोगों में गहमागहमी कुछ कम होने से पहले ही भारत ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी ठिकानों पर हवाई कार्रवाई कर दी.
भारत लगातार ये दावा कर रहा है कि उसने नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चरमपंथी ठिकानों को निशाना बनाया है लेकिन पाकिस्तान ने कहा है कि उसकी वायु सेना ने भारतीय विमानों को वापस खदेड़ दिया था.
लेकिन, इस बीच भारतीय जनता और मीडिया पूरे जोश में है और पूरा देश नज़र गढ़ाए बैठा है कि आगे क्या होने वाला है. कहीं, जश्न मनाया जा रहा है तो कहीं आगे की स्थितियों के लिए आगाह भी किया जा रहा है.
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को राजस्थान के चुरू में एक रैली को संबोधित किया है और ‘देश नहीं मिटने दूंगा और देश नहीं झुकने दूंगा’ जैसे जोशीले नारे लगाकर देश की सुरक्षा का वायदा किया.
इस बीच मीडिया में छाए रहने वाले रफ़ाएल, बेरोजगारी और किसानों जैसे मसले कहीं गायब हो गए हैं. कुछ समय पहले इन मसलों पर विपक्ष के हमलों से अपना बचाव करती बीजेपी सरकार अब अलग अंदाज़ में दिख रही है. वहीं, लोकसभा चुनाव में भी अब ज़्यादा समय नहीं है और सभी दलों में बैचेनी देखी जा सकती है. ऐसे में क्या हालिया घटनाओं का आगामी राजनीति पर कोई असर पड़ेगा?
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह कहते हैं, ”वैसे तो इस मामले में लगातार नए बदलाव हो रहे हैं लेकिन अगर इस समय की बात करें तो जश्न का माहौल है. लोगों के मन में था कि कुछ करना चाहिए, जवाब देना चाहिए तो वो अभी हो गया. लेकिन, आगे क्या होता है पता नहीं. पाकिस्तान कैसे जवाब देता है ये देखना पड़ेगा.”
वह कहते हैं, ”निश्चित तौर पर वायु सेना और सेनाओं ने बहुत बड़ा काम किया है लेकिन इसका श्रेय राजनीतिक नेतृत्व को भी जाता है. आज की तारीख में चुनाव के दृष्टिकोण से भी देखें तो निश्चित तौर पर उनके पक्ष में बेहतरी हुई है.”
वहीं, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक कल्याणी शंकर का मानना है कि बीजेपी की जीत पर पहले जो संदेह बन हुआ था वो अब ख़त्म होता दिख रहा है.
वह कहती हैं, ”हवाई हमले के बाद लोगों को ये लगेगा कि प्रधानमंत्री ने देश के लिए बहुत अच्छा काम किया. ऐसे में उनके लिए वापसी की संभावना बड़ गई है. हो सकता है कि चुनाव भी आगे खिसका दिए जाएं.”