एनएच-152 डी की मुआवजा राशि बढ़ाने के लिए धरना दे रहे किसानों ने सोमवार सुबह लघु सचिवालय घेराव का एलान किया था। इसे देखते हुए रविवार रात 11 बजे ही डीसी ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। करीब दो घंटे चली इस बैठक में डीसी ने किसानों की सभी मांगें सरकार के पास समय पर पहुंचाने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद सोमवार सुबह जिला प्रशासन अलर्ट रहा और किसानों के लघु सचिवालय पहुंचने के अंदेशे के चलते शहर के चारों एंट्री प्वाइंट नाके लगाकर सील किए गए। वहीं, सोमवार दोपहर एसडीएम भी धरनास्थल पर किसानों के बीच आश्वासन देने पहुंचे। इसे देखते हुए किसानों ने शहर कूच की प्लानिंग रद्द कर दी।
नेशनल हाइवे के लिए घोषित थ्री-जी अवार्ड राशि से 17 गांवों के किसान संतुष्ट नहीं हैं। ये किसान प्रति एकड़ दो करोड़ रुपये मुआवजा मांग रहे हैं। किसान गत 26 फरवरी से रामनगर के समीप धरना दे रहे हैं। रविवार को किसानों ने धरनास्थल पर सोमवार को लघु सचिवालय के घेराव का ऐलान किया था। किसान संघर्ष समिति प्रधान अनुप फौगाट व संयोजक विनोद मौड़ी ने बताया कि रात को ही डीसी अजय सिंह तोमर ने किसानों के प्रतिनिधिमंडल को मुलाकात के लिए बुलाया। इसके बाद रामनगर सरपंच राजीव यादव, विनोद, राजकुमार व मास्टर वीरेंद्र टिकाण वार्ता के लिए रात 11 बजे डीसी के पास पहुंचे। करीब रात एक बजे तक डीसी के साथ किसानों की वार्ता चली और इस दौरान डीसी ने उनका पूरा पक्ष सुना। किसान नेताओं का कहना है कि डीसी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि उनकी सभी प्रकार की मांग पहले भी जिला प्रशासन की मार्फत सरकार तक पहुंच चुकी हैं और आगे भी प्रशासन का रवैया सकारात्मक रहेगा। किसान नेताओं का कहना है कि इस दौरान घेराव कार्यक्रम टालने की अपील भी की गई। इस पर उन्होंने धरनास्थल पर मौजूद लोगों से ही विचार-विमर्श के बाद कोई निर्णय लेने की बात कही।
किसानों के एलान को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर के चारों एंट्री प्वाइंट को नाके लगाकर सील कर दिया। दो नाकों की कमान डीएसपी और एक-एक नाके की कमान डीआई और एसआई को सौंपी गई। पुलिस प्रशासन ने समसपुर टी-प्वाइंट,रावलधी टी-प्वाइंट, चिड़िया मोड़ पर अनाज मंडी के सामने और लोहारू चौक पर नाका लगाया। तीन नाकों पर 60-60 जबकि चौथे नाके पर करीब 100 पुलिसकर्मी मुस्तैद रहे। समसपुर टी-प्वाइंट नाके की कमान डीएसपी जोगेंद्र और अनाज मंडी नाके की कमान डीएसपी रमेश कुमार ने संभाली। हालांकि किसानों के प्रदर्शन स्थगित करने के चलते दोपहर बाद नाकों से फोर्स हटा ली गई।
लघु सचिवालय घेराव के एलान के बाद सोमवार को धरनास्थल पर लोगों की उपस्थिति दो से तीन गुना बढ़ गई। महिलाओं की तादाद भी अधिक रही। महिलाएं अपने बच्चों के साथ धरनास्थल पर पहुंची और नारेबाजी के साथ रोष का इजहार किया। धरनास्थल पर पहुंचीं महिलाओं ने कहा कि जब तक मुआवजा राशि बढ़ाने की मांग पूरी नहीं की जाती तब तक धरना जारी रहेगा और महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर अपनी हाजिरी दर्ज कराएंगी।
एसडीएम बोले : किसान किसी भी समय प्रशासन से कर सकते हैं वार्ता
सोमवार दोपहर करीब साढ़े 12 बजे एसडीएम सतबीर सिंह धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत की और प्रशासन का पक्ष उनके सामने रखा। एसडीएम ने कहा कि प्रशासन किसानों की मांगों को ऊपर तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। पहले भी मांग सरकार तक पहुंचाई जा चुकी हैं और आगे भी किसानों का प्रतिनिधिमंडल कभी भी प्रशासन के साथ वार्ता कर अपनी बात रख सकता है।
डीसी साहब ने रात 11 से एक बजे तक किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की और उनका रवैया सकारात्मक रहा। इसके चलते लघु सचिवालय घेराव फिलहाल टाला गया है। शांतिपूर्वक धरना मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।