महम के विधायक बलराज कुंडू ने शुक्रवार को राज्यपाल और सदन में विधानसभा स्पीकर को पत्र सौंपकर गठबंधन सरकार ने अपना औपचारिक समर्थन वापस ले लिया। इस दौरान कुंडू ने पत्र में अपना दर्द भी व्यक्त किया। विधायक कुंडू ने कहा कि वे ईमानदार नेता है, जिन्हें जनता ने चुना है। लेकिन मैं कभी भ्रष्टाचार को समर्थन नहीं दे सकता। इस पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दो टूक कहा कि बलराज कुंडू की मर्जी है, वे जैसा चाहें वे कर सकते हैं।
पत्र में विधायक कुंडू ने अपना दुखड़ा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने ईमानदार सरकार और मुख्यमंत्री का साथ दिया था। वे यह मानते थे कि सीएम ईमानदारी से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्हीं के अनुरूप मैंने प्रदेश के दो बड़े घोटालों का पर्दाफाश करते हुए सीएम मनोहर लाल को इन घोटालों के सुबूत भी सौंपे थे। इन घोटालों में सहकारिता विभाग का 3300 करोड़ और शहरी स्थानीय निकाय विभाग का 1500 करोड़ के राजस्व नुकसान संबंधी कथित घोटाला शामिल है।
कूंडू ने कहा कि उन्हें उस वक्त बहुत धक्का लगा, जब 27 फरवरी को सीएम मनोहर लाल ने सदन में घोटाला करने वाले लोगों को क्लीन चिट दे दी। उन्होंने सदन में साफ कहा कि वे पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर को क्लीन चिट देते हैं। इस बात से उन्हें बहुत दुख लगा। जबकि उन्होंने पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ सारे सुबूत सीएम को सौंपे थे।
वे तो यही चाहते थे कि इस मामले में सीएम ईमानदार अफसरों की एसआईटी गठित करे और मामले की जांच करवाए। अगर घोटाला साबित नहीं होता, तो वे विधायक पद से इस्तीफा देने को भी तैयार थे। कुंडू के अनुसार मगर सीएम ने ऐसा नहीं किया, जिस पर उन्हें सरकार से अपना गठबंधन लेने का ये निर्णय लेना पड़ा। सरकार यदि ऐसे भ्रष्टाचार अजगर पालेगी, तो वे ऐसी सरकार को कतई समर्थन नहीं देंगे।v