लंदन में ईवीएम हैकिंग आयोजन में शामिल होने पर अब कपिल सिब्बल ने दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस करके सफाई दी है। सिब्बल ने कहा कि वह किसी निजी काम से लंदन गए हुए थे। साथ ही कहा कि मुझे प्रोग्राम में बुलाया गया तो मैं चला गया। उन्होंने कहा कि ईवीएम का मुद्दा देश के भविष्य से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आशीष रे का ईमेल भी आया था।
कपिल सिब्बल ने कहा कि आयोजक आशीष रे को वह पहले से जानते हैं। उधर भाजपा ने सिब्बल पर हमला बोला है। भाजपा ने कहा कि यह सारा कार्यक्रम कांग्रेस की तरफ से प्रायोजित था। भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस लंदन में बैठकर भारतीय लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही है।
बता दें कि लंदन में भारतीय मूल के एक अमेरिकी एक्सपर्ट ने ईवीएम हैकिंग का दावा कर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। एक्सपर्ट सैयद शुजा के मुताबिक दिवंगत भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे ने साल 2014 में ईवीएम की हैकिंग के लिए उनसे संपर्क किया था। सैयद के मुताबिक यही राज बाद में मुंडे की मौत का कारण भी बना।
इस खुलासे के बाद देश के तमाम राजनीतिक दलों ने एक बार फिर ईवीएम पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। विपक्ष की मांग है कि अगला लोकसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराया जाए। वहीं, चुनाव आयोग ने ईवीएम हैकिंग को पूरी तरह खारिज कर दिया है और कहा है कि वह इस तरह की अफवाह उड़ाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगा।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पूरी दुनिया ईवीएम से दूर जा रही है। तमाम बड़े देश फिर से बैलेट सिस्टम पर आ रहे हैं। केवल भारत, कांगो और अफ्रीका के कुछ देश ईवीएम से चुनाव करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का मानना है कि अब एक दो माह में बैलेट से चुनाव कराना संभव नहीं है, लेकिन वोटिंग प्रक्रिया को सुरक्षात्मक और भरोसेमंद बनाने के लिए वीवीपैट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाना चाहिए।
आरजेडी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान में साफ और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें ईवीएम की रक्षा करने के लिए नही कहा गया है। ईवीएम केवल एक माध्यम है। इस तरह के खुलासों के बाद ईवीएम की विश्वसनीयता संदेह के घेरे में आ गई है। ऐसे में चुनाव आयोग को एक बार फिर बैलेट पेपर के माध्यम से चुनाव कराने पर विचार करना चाहिए।
वहीं आप नेता अरविंद झा ने कहा कि ईवीएम की मूल डिजाइन में किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं है। लेकिन इसका रखरखाव करने से लेकर अन्य किसी स्तर पर चिप लगाने के बाद इसमें छेड़छाड़ की जा सकती है। वहीं प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि ईवीएम से चुनाव कराने में कोई समस्या नहीं है लेकिन इसे वीवीपैट से जोड़ना अनिवार्य होना चाहिए।