जींद। जाटलैंड जींद का सिकंदर कौन होगा, इसका पता आज दोपहर बारह बजे तक चल जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र के बूथों की मतगणना के दौरान प्रारंभिक रुझानों में जननायक जनता पार्टी के उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला आगे चल रहे थे, लेकिन शहरी क्षेत्रों के बूथों की मतगणना शुरू होने के बाद भाजपा प्रत्याशी कृष्ण मिढा ने लीड लेनी शुरू कर दी। चौथे चरण की मतगणना के बाद भाजपा प्रत्याशी लगभग छह हजार मतों से आगे चल रहे हैं। मतगणना केंद्र के बाहर एक बड़ी एलईडी भी लगाई गई है, ताकि समर्थकों को सारी जानकारी मिलती रहे।
पहले राउंड की गिनती का रिजल्ट
- दिग्विजय चौटाला जेजेपी 3639
- डॉ. कृष्ण मिढ़ा भाजपा 2835
- रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस 2169
- उमेद रेढू इनलो 992
- विनोद आसरी लोसपा 705
- नोटा 17
दूसरे राउंड की गिनती का रिजल्ट
- दिग्विजय चौटाला जेजेपी 4253
- कृष्ण मिड्ढा भाजपा 3719
- रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस 1754
- लोसपा 1053
- उम्मेद सिंह रेढू इनेलो 373
- नोटा 25
दूसरे राउंड की गिनती का रिजल्ट
- दिग्विजय चौटाला जेजेपी 3334
- कृष्ण मिड्ढा भाजपा 2796
- रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस 1890
अभी तक कुल मत
- कृष्ण मिड्ढा भाजपा – 15481
- दिग्विजय चौटाला जेजेपी – 13443
- रणदीप सुरजेवाला कांग्रेस – 7614
पहले राउंड में गांव रायचंदवाला से शुरू होकर 13वें राउंड में गांव इक्कस में मतगणना पूरी होगी। हर राउंड में 14 बूथ शामिल हैं, जबकि अंतिम राउंड में केवल 6 बूथों की गिनती होगी। मतदान केंद्र के अंदर 14 काउंटिंग एजेंट व प्रत्याशी को ही जाने की इजाजत है। सुरक्षा की दृष्टि से स्टेडियम की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद किए गए हैं।
जींद में तमाम राजनीतिक दलों के योद्धा अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन यहां के मतदाताओं का फरमान किसके हक में होगा, इसका पता आज दोपहर बारह बजे से पहले चल जाएगा। इनेलो के टिकट पर दो बार विधायक रह चुके डा. हरिचंद मिड्ढा के देहावसान के चलते जींद में उपचुनाव हुआ है। प्रदेश की राजनीतिक राजधानी माने जाने वाले जींद उपचुनाव के नतीजे सभी दलों के लिए आइना होंगे। इन नतीजों से सबक लेकर राजनीतिक दलों को न केवल अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है, बल्कि लोकसभा चुनाव के लिए नई पैंतरेबाजी अपनानी पड़ सकती है।
जींद को जाटलैंड माना जाता है। इसके बावजूद 1972 के बाद से यहां कभी जाट उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सका। यह भी हकीकत है कि इनेलो व कांग्रेस के गढ़ रह चुके जींद में भाजपा भी कभी कमल का फूल नहीं खिला सकी। इसके बावजूद इस बार के हालात कुछ हटकर हैं।
जींद में इस बार 76 फीसदी मतदान हुआ है। शहर के साथ-साथ ग्रामीण मतदाताओं खासकर महिलाओं ने भी इस बार मतदान में खासी रुचि दिखाई। जींद उपचुनाव के नतीजे न केवल मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रतिष्ठा से जुड़े होंगे, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की राजनीतिक विरासत का फैसला भी करेंगे।
कांग्रेस को इस बार सत्ता में वापसी की आस है। इसलिए पार्टी ने अपने कद्दावर नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर दांव खेला है। जींद के चुनाव नतीजे कांग्रेस की सत्ता में वापसी की आस को लेकर स्थिति साफ करेंगे। उपचुनाव अमूमन सत्ता का माना जाता है, लेकिन इनेलो की कोख से निकली जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के विनोद आश्री ने जिस तरह से यह चुनाव लड़ा, उसे देखकर कुछ भी दावा करना बाकी उम्मीदवारों के साथ न्यायसंगत नहीं होगा।
भाजपा ने दिवंगत इनेलो विधायक डा. हरिचंद मिड्ढा के बेटे डा. कृष्ण मिड्ढा पर दांव खेला है। मिड्ढा को इलेक्शन पूरी भाजपा सरकार और पार्टी संगठन ने मिलकर लड़वाया। मनोहर सरकार उनकी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वास्त है। चुनाव नतीजे यदि कांग्रेस के हक में आते हैं तो पार्टी को बड़ा एनर्जी बूस्ट मिलेगा। इसके अलावा दिग्विजय के चुनाव नतीजों पर पूरे प्रदेश की निगाह है।
जींद कभी ओमप्रकाश चौटाला का गढ़ रहा है। बुरे वक्त में पार्टी को खड़ा करने वाले अभय सिंह चौटाला ने इनेलो से उम्मेद सिंह रेढू को चुनाव लड़वाया, लेकिन जननायक जनता पार्टी ने अभय चौटाला के उम्मीदवार का सारा खेल बिगाड़कर रख दिया। जींद के रण में यदि भाजपा के कृष्ण मिड्ढा को यदि कुछ मुश्किल पेश आई तो कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद राजकुमार सैनी का इसमें बड़ा योगदान होगा।