मद्रास उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया है कि आय से अधिक मामले तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने उस याचिका को भी खारिज कर दिया है जिसमें जयललिता की याद में बनाए जा रहे स्मारक के निर्माण को चुनौती दी गई थी। जस्टिस एम. सत्यनारायणन और जस्टिस पी. राजामाणिकम ने यह फैसला दिया।
देसीय मक्काल शक्ति काची के अध्यक्ष एमएल रवि ने स्मारक निर्माण को चुनौती देने वाली याचिका दायर की थी। उन्होंने तमिलनाडु सरकार को स्मारक निर्माण पर सार्वजनिक कोष से धन खर्च नहीं करने का निर्देश देने की मांग की थी। याची ने यह भी कहा था कि यदि सरकार ने खर्च किया है तो पूर्व मुख्यमंत्री की संपत्ति से धन वापस लिया जाना चाहिए। उन्होंने उल्लेख किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी करार दी गई थी।
पीठ ने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट जब तक आदेश सुनाता तब तक पूर्व मुख्यमंत्री का निधन हो चुका था। इसके बाद उनके बरी होने के खिलाफ अपील को निपटारा किए जाने की तरह खारिज कर दिया गया। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि जयललिता दोषी थीं।