गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों तक साधक मां दुर्गा की कठिन भक्ति और तपस्या करते हैं और शक्ति और सिद्धियां प्राप्त करते हैं।इस दौरान मंत्र सिद्ध हो जाते हैं। इन गुप्त नवरात्रों में कार्य सिद्धि के लिये अनुष्ठान भी किये जाते हैं। सूर्य ग्रहण के अगले दिन 22 जून सोमवार से आषाढ़ गुप्त नवरात्र शुरू हुए हैं और इनका समापन 30 जून को होगा।
देवी दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इनकी अराधना के लिए साल में दो बार बड़े स्तर पर नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। जिसमें देवी मां के अलम-अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है। इस नवरात्र को चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। लेकिन साल में दो बार नवरात्र ऐसे भी आते हैं जब मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की पूजा की जाती है। इन्हें गुप्त नवरात्र कहा जाता है।