गौतम गंभीर ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है। लेकिन यह सब अचानक से नहीं हुआ, वह बहुत लंबे समय से इसके बारे में विचार कर रहे थे। गंभीर ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच 2016 में राजकोट में खेला था और उसके तुरंत बाद दिए एक साक्षात्कार में इस बात के संकेत दे दिए थे कि वो देर-सबेर राजनीतिक पारी खेलेंगे।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद जब एक साक्षात्कार में उनसे राजनीति में आने के बारे में पूछा गया था तो उनका कहना था कि ‘यदि मुझे मौका मिला तो मैं राजनीति में जाऊंगा लेकिन रबर स्टैम्प नहीं बनूंगा।’ इसके बाद से ही उनकी राजनीतिक पारी को लेकर बीच-बीच में खबरें आती रहीं हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी उन्होंने देश के कई बड़े मुद्दों और समस्याओं पर सोशल मीडिया और अन्य तरीके से अपनी प्रतिक्रियाएं रखीं और लोगों के जहन में अपनी एक अलग छवि तैयार की। भारतीय सेना और सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर वह हमेशा से ही बोलते रहे हैं।