देश के लिए प्राणों की आहुति देने वाले सार्जेंट विक्रांत के गांव भदानी से वर्तमान में 18 युवा एयरफोर्स में ड्यूटी देते हुए देश सेवा कर रहे हैं। यही नहीं 4500 की आबादी वाले इस गांव में वर्तमान में करीब कुल 60 युवा आर्मी में हैं। जबकि द्वितीय विश्वयुद्ध से अब तक दस जवान देश की रक्षा करते हुए शहीद हो चुके हैं। सैनिकों की खान कहे जाने वाले भदानी गांव के युवाओं में देशसेवा का जज्बा भरा हुआ है। गांव का हर बच्चा किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखते ही सेना में जाने का सपना संजोने लगता है।
ये दे चुके हैं प्राणों की आहुति
– प्रथम विश्वयुद्ध
1. सिपाही सुंडू देसवाल
2. सिपाही खेमाराम सहरावत
3. सवार टोडरमल सहरावत
-द्वितीय विश्वयुद्ध
4. सवार बख्तावर सहरावत
-भारत-पाक युद्ध (1947-48)
5. सवार मातूराम फलस्वाल
6. सवार बिहारीलाल सहरावत
-भारत-पाक युद्ध (1962)
7. सिपाही शीशपाल देशवाल
-भारत-पाक युद्घ (1965)
8. सिपाही करतार देशवाल
9. सिपाही रामकिशन देशवाल
-भारत-पाक युद्ध (1971)
10. लांस नायक राजबीर देसवाल
सेना भर्ती की तैयारी में जुटे हैं 200 युवा
गांव में आर्मी के प्रति कितना क्रेज है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गांव के करीब 200 युवा वर्तमान में आर्मी भर्ती के लिए तैयारी में जुटे हुए हैं। गांव के राजकीय स्कूल में इन युवाओं के लिए ओपन जिम की सुविधा पंचायत के द्वारा करवाई गई है। गांव के युवाओं में देश सेवा का जज्बा शहीदों व आर्मी में तैनात युवाओं का आंकड़ा खुद बता रहा है।