धान के उच्च उत्पादन को लेकर किसानों व चावल मिलरों के लिये किये जा रहे प्रयास सराहनीय: जैलदार

Spread the love

कुरुक्षेत्र, ( शिवचरण राणा ) । कृषि लागत बढऩे के साथ कम उत्पादन के कारण घाटे में जा रहे किसानों की समस्याओं को देखते हुए जहां बीज उत्पादक कंपनियां काम कर रही हैं, वहीे एक कम्पनी ने धान के बीज को लेकर चावल मिलरों की समस्याओं पर भी ध्यान दिया है। इस पहल को लेकर किसानों के साथ चावल मिल मालिकों ने भी खुशी जताई है।

राईस मिल मालिक व प्रगतिशील किसान नरेश जैलदार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रयास बहुत ही सराहनीय रहा है। गौरतलब है कि बायर द्वारा अप्रैल 2018 में मिलरों के साथ बैठक में आए सुझाव पर यह निर्णय लिया था कि नए बीज को पहले मिलरों के अनुसार किसानों के खेतों में लगवाया जाए व उसके बाद उसी धान की मिलिंग की जाए। इसके बाद जो भी परिणाम होंगे उनके अनुसार ही नए बीज को सुधारों के साथ बाजार में उतारा जाए।

इसी के तहत बायर कम्पनी द्वारा विकसित किये जा रहे हाईब्रिड धान अराईज ऐजैड-6565 की बुधवार को सूर्य राईस मिल,ठोल में आयाजित की गई मिलिंग प्रक्रिया के दौरान प्राप्त परिणामों को लेकर मिलर नरेश जैलदार ने बताया कि इस धान से चावल की रिकवरी लगभग 67 किलोग्राम प्रति क्विंटल रही है जोकि राईस मिलरों के लिये राहत की खबर है। उन्होंने कहा कि अगर यह बीज इसी प्रकार रिकवरी देता रहा तो किसानों के साथ मिल मालिकों का घाटा भी कम हो सकता है। उन्होंने अपने खेत के अनुभव भी सांझा करते हुए बताया कि इस वर्ष धान कटाई के दिनों में बरसात व ओला वृष्टि के कारण प्रति एकड़ उत्पादन में कमी के साथ ही पीली डोडी की बिमारी के बावजूद उनके 18 एकड़ खेत में इस धान का औसत उत्पादन31 क्विंटल प्रति एकड़ रहा जो की संतोषजनक है।

इस अवसर पर क्षेत्र के प्रगतिशील किसान अशोक कुमार, सुखदेव सिंह, राम सिंह, संतोख सिंह, पवन सोंटी, जरनैल सिंह,जसबीर सिंह, जय भगवान, राहुल, गुलजार आदि के साथ मिल मालिक राजेश कुमार, राम सिंह, नरेश जैलदार व मामराज सैनी, बीज विक्रेता ओमप्रकाश, रींकू सैनी, अमर सिंह, सुरेश भारद्वाज व कंपनी प्रतिनिधी भी मौजूद रहे।

____________________________

किसानों की समस्याओं को लेकर होते रहने चाहियें प्रयास: सोंटी

कृषि मामलों पर लंबे समय से काम कर रहे पवन सौंटी के अनुसार किसानों की समस्याओं को लेकर सरकार के साथ कृषि आदानों से जुड़ी कंपनियों द्वारा बीज को बाजार में उतारने से पहले किसानों को उत्पादन प्रक्रिया में शामिल करना एक सराहनीय कार्य है।

उन्होंने कहा कि बायर कंपनी द्वारा विकसित किये जा रहे धान के इस बीज को लेकर पौध बिजाई से वह इसका अवलोकन करते रहे हैं। उन्होंने अपने अनुभव सांझा करते हुए बताया कि इस बीज की ग्रोथ व पकड़ काफी अच्छी रही, लेकिन इसकी कटाई के समय बरसात ने उत्पादन को प्रभावित किया है। उसके बावजूद भी 31 क्विंटल प्रति एकड़ का उत्पादन सराहनीय है। उन्होंने कहा कि  किसानों से जुड़ी वस्तुओं का उत्पादन करते समय कंपनियों को इसी प्रकार किसानों को विश्वास में लेना चाहिये।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *