निर्माण पर रोक के लिए हुई बहस पर अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
आंदोलन के तीसरे दिन धरने पर महिलाओं ने आकर संभाला मोर्चा
झज्जर, 03 जनवरी , झज्जर के गांव रईया में रिजनल सेंटर बनाए जाने का
मामला आखिरकार अदालत पहुंच गया है। इसके निर्माण को लेकर विरोध जता रहे
ग्रामीणों ने निर्माण पर रोक लगाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
गुरूवार को इस रिजनल सेंटर के निर्माण पर रोक लगाए जाने को लेकर दोनों
पक्षों में बहस भी हुई। लेकिन फिलहाल अदालत ने इस निर्माण पर रोक लगाने
के फैसले को लेकर अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है। इस मामले में अदालत
द्वारा एक रोज बाद की तारीख लगाई गई है। उम्मीद यहीं है कि इस मामले में
फैसला शनिवार को आ सकता है। उधर रिजनल सेंटर के निर्माण को लेकर पिछले कई
दिनों से राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रहे गांव रईया के ग्रामीणों
द्वारा दिया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना तीसरे दिन में प्रवेश कर गया।
गुरूवार को धरने में काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुई। महिलाओं ने
पूरा दिन सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले रखा और विरोधी नारे लगाते हुए
रिजनल सेंटर के निर्माण को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की। महिलाओं का
कहना था कि गांव के विकास के लिए सरकार कोई नया काम करे वह तो अच्छी बात
है,लेकिन यदि वह काम लोगों की नाराजगी लेकर हो तो वह न्याय संगत नहीं है।
महिलाओं का कहना था कि उनके गांव में बनने वाले बागवानी विश्वविद्यालय के
रिजनल सेंटर के निर्माण को लेकर ग्रामीण अलग-अलग तर्क दे रहे है। जबकि
अधिकांश ग्रामीण नहीं चाहते कि यहां रिजनल सेंटर बनाया जाए। ग्रामीणों ने
मुआवजा व सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी सरकार के सामने रखी है। लेकिन
मांगों को मानने की बजाय सरकार गांव रईया में रिजनल सेंटर बनाने के मामले
को लेकर हठधर्मी का परिचय दे रही है जोकि गलत है। उन्होंने कहा कि आने
वाले समय में सरकार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
कैप्शन:- झज्जर के गांव रईया में बनने वाले रिजनल सेंटर के निर्माण को
लेकर धरना देते हुए गांव की महिलाएं।