जिला भर से 200 से ज्यादा बुर्जगों का हुआ सम्मान, आठ बुर्जुग सौ वर्ष से अधिक आयु के शामिल
झज्जर, संजय शर्मा रवि कुमार- हमारे देश की परिवार व्यवस्था भारत को महान राष्टï्र बनाती है। विकसित देशों में भी भारतीय परिवार व्यवस्था की जमकर प्रंशसा होती है। यह पंरपरा हमारी समृद्घ संस्कृति और हमारे सम्मानित बुजुर्गों की देन है। अब हमारी जिम्मवारी बनती है कि परिवार व्यवस्था और बुर्जुगों के सम्मान की पंरपरा को युवा पीढ़ी तक पहुचाएं। प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री औम प्रकाश धनखड़ ने पीजी नेहरू कालेज के सभागार में आयोजित शत्तायु सम्मान समारोह में बुर्जुगों को सम्मानित करते हुए यह बात कही। कृषि मंत्री ने कहा कि सभी की इच्छा होती है कि वह कम से कम सौ वर्ष जीये। हमारे ऋषि मुनि भी शत्तायु होने का आशीर्वाद देते हैं। शत्तायु होने के लिए जीवन में सकारात्मकता का भाव, विचारों की घनात्मकता, अच्छा वातावरण होना जरूरी है और यह तपस्या से कम नहीं है। इस समारोह में काफी सख्यां में शत्तायु पंहुचे हैं। इनकी तपस्या का हम अभिनंदन,नंदन, स्वागत करने का पावन अवसर और आशीर्वाद लेने का सौभाग्य मिला है।
कृषि मंत्री ने कहा कि बुर्जुगों का सम्मान हमारी समृद्घ पंरपरा रही है। सकुरात पर हम अपने बुर्जुगों का सम्मान करते हैं। जिला से मंत्री होने के नाते मैनें अपना दायित्व समझा और जिला के बुर्जुगों का सम्मान किया है ताकि युवा पीढ़ी को यह सीख मिल सके कि हमें अपने बुर्जुगों के सम्मान की परंपरा को आगे बढाएं। उन्होंने कहा कि विकसित देश भारतीय परिवार व्यवस्था के कायल हैं। उन देशों में सुख सुविधा हैं लेकिन परिवार का सुख और बुर्जुगों का आशीर्वाद नहीं है। परिवार का सुख और आनंद केवल भारत में है इसलिए भारत, महान राष्टï्र कहलाता है। शत्तायु सम्मान समारोह में इंदौर से पंहुचे पदम श्री कबीर पंथी गायन शैली के प्रसिद्घ गायक पहलाद सिंह टिपानिया और रामहेर लगरपुर ने सत्संग सुना माहौल को मंत्र मुग्ध कर दिया। बुर्जुगों ने मुक्तकंठ से कार्यक्रम की प्रशंसा की।