बहादुरगढ़। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने शुक्रवार को जनस्वास्थ्य विभाग के दोनों सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों से सैंपल लेने की कार्रवाई की। टीम की ओर से लिए गए सैंपल जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए हैं। अगर सैंपल फेल पाए जाते हैं तो संबंधित विभागीय अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। दरअसल, एनजीटी की ओर से यमुना एक्शन प्लान के तहत ड्रेनों में सीवरेज के पानी को पूरी तरह ट्रीट करके डालने के आदेश दिए हैं। अगर पानी निर्धारित मापदंडों के तहत ट्रीट होकर नहीं डाला जा रहा है तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। एनजीटी का तर्क है कि ड्रेनों में अगर सीवरेज का पानी बिना ट्रीट किए डाला जाता है तो यह ड्रेनों के माध्यम से नदियों तक जाता है, जिससे देश की नदियों का पानी प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में नदियों का पानी प्रदूषित होने से बचाने के लिए ड्रेनों में डाले जाने वाले सीवरेज को सहीं ढंग से ट्रीट किया जाना जरूरी है। इसके लिए एनजीटी ने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से ड्रेनों में डाले जा रहे पानी के नमूने भी समय-समय पर लेने के निर्देश दिए हैं ताकि साफ पानी ही ड्रेनों में डाला जा सके। इसी के चलते शुक्रवार को प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कृष्ण कुमार, फील्ड अफसर शशि भूषण व जनस्वास्थ्य विभाग के जेई दीपक की टीम ने नजफगढ़ रोड स्थित 36 एमएलडी और छोटूराम नगर स्थित 18 एमएलडी के एसटीपी से एक-एक सैंपल लिया है। बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी कृष्ण कुमार ने बताया कि दोनों सैंपलों को जांच के लिए भेज दिया है। जांच में अगर सैंपल फेल पाए जाते हैं तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से भरे गए सैंपल
