पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान उनके कब्जे में है और भारत ने भी बिना नाम बताये ये कहा है कि उनका एक पायलट लापता है.
पाकिस्तानी सेना ने एक वीडियो में दावा किया है कि एक भारतीय पायलट को पाकिस्तान की सीमा के भीतर गिरफ़्तार किया गया है.
वीडियो में भारतीय वायु सेना की वर्दी पहने व्यक्ति की आंखों पर पट्टी बंधी है. यह व्यक्ति ख़ुद को विंग कमांडर बताते हुए अपना नाम अभिनंदन बता रहा है.
इस व्यक्ति की वर्दी में अँग्रेज़ी में उसका नाम लिखा है और यह व्यक्ति अपना सर्विस नंबर भी बता रहा है.
इस वीडियो में यह व्यक्ति सवाल पूछ रहा है क्या वो पाकिस्तान की सेना के कब्जे़ में है.
अब सवाल ये है कि यदि विंग कमांडर अभिनंदन पाकिस्तान के कब्जे में हैं तो उन्हें भारत वापस कैसे लाया जा सकता है. क्या इससे पहले भी ऐसा हुआ था?
तो हम आपको बता दें कि करगिल युद्ध के दौरान भी एक 26 वर्षीय फ्लाइट लेफ्टिनेंट के. नचिकेता पाकिस्तान के कब्जे में थे और बाद में उन्हें भारत के हवाले किया गया था.
करगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान में जी. पार्थसारथी भारतीय उच्चायुक्त थे. पार्थसारथी 1963-1968 के दरम्यान भारतीय सेना के भी अधिकारी रह चुके हैं.
तब नचिकेता की कैसे भारत वापसी हुई थी, इस पर पार्थसारथी ने बीबीसी को ये बताया–
करगिल युद्ध के समय प्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता मिग एयरक्राफ्ट में थे. उन्हें ये आदेश दिये गये थे कि नियंत्रण रेखा पार नहीं करना है. युद्ध के दौरान उन्होंने मिग से आक्रमण किया. लेकिन जब नीचे आए तो मिसाइल ट्रैक से उनको उतारा गया. पाकिस्तान ने उन्हें कब्जे में लिया.
कुछ दिन बाद मुझे पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय से संदेश मिला कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने कहा है कि नचिकेता को रिहा कर दिया जाए. ये उनकी तरफ से सद्भाव का संकेत था. खबर भारत से
उन्होंने कहा कि हम उन्हें रिहा करना चाहते हैं. मैंने कहा ठीक है. मैंने पूछा कहां मिलूं उनसे. तो उन्होंने कहा कि जिन्ना हॉल आइये. मैंने पूछा कहां. तो उन्होंने कहा जिन्ना हॉल.