प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन पर चिटफंड घोटालों में शामिल लोगों को बचाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। मोदी ने जलपाईगुड़ी जिले में भाजपा की एक रैली को संबोधित करते हुए चेताया कि न तो घोटालों के दोषियों को छोड़ा जायेगा और न ही उन्हें बचाने वालों को। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने जवाबी हमला करते हुए मोदी को ‘भ्रष्टाचार का गुरू’ और देश के लिए एक ‘शर्म’ बताया।
राज्य में एक सप्ताह में अपनी तीसरी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को पिछली कम्युनिस्ट सरकार से ‘हिंसा और अत्याचार’ की विरासत मिली थी और पश्चिम बंगाल की धरती को ‘‘बदनाम’’ किया गया। लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के भाजपा-विरोधी गठबंधन को एक साथ जोड़ने के प्रयासों में सबसे आगे रहने वाली ममता पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि प्रस्तावित ‘महागठबंधन’ उन लोगों की ‘महा मिलावट’ है जिनकी देश के लिए कोई विचारधारा या दृष्टकोण नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारे देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था, जब हमने एक मुख्यमंत्री को भ्रष्ट को बचाने के लिए धरने पर बैठते हुए देखा हो। गरीब लोग जानना चाहते हैं कि वह उस व्यक्ति को बचाने के लिए वह धरने पर क्यों बैठी जो चिटफंड घोटाले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोपी है।’ उन्होंने कहा कि यह चौकीदार किसी को भी नहीं छोड़ेंगा। चाहे वे अपराधी हो या उनके रक्षक, किसी को भी नहीं छोड़ा जायेगा।
ममता ने तेजी से प्रतिक्रिया देते हुए ‘मिस्टर मैड्डी’ के रूप में उनका जिक्र किया। मुख्यमंत्री ने कोलकाता में पत्रकारों से कहा, ‘इस व्यक्ति (प्रधानमंत्री) के बारे में हम जितना कम बोले, उतना ही अच्छा है। मिस्टर मैड्डी भ्रष्टाचार के गुरू हैं। वह अहंकार के गुरू और देश के लिए शर्म हैं। उनके लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उनका पैमाना इतना निम्न है कि हमने कभी ऐसे किसी व्यक्ति के प्रधानमंत्री के तौर पर उम्मीद नहीं की थी। हमारे मन में इस पद के लिए सम्मान है न कि इस व्यक्ति के प्रति।’