कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने बेरी में आयोजित सम्मान समारोह को किया संबोधित
ओमप्रकाश धनखड़ ने साढ़े तीन करोड़ की लागत से तैयार सामुदायिक केंद्र व पुस्तकालय का किया उद्घाटन
बेरी (झज्जर) (संजय शर्मा/रवि कुमार) हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में राज्य के किसानों की जेब में छ: हजार करोड़ रुपए आ चुके हैं। प्रधानमंत्री किसान निधि तथा हरियाणा सरकार की नई योजना के 6-6 हजार रुपए से किसानों की पौ बारह होने जा रही है। उन्होंने यह बात बुधवार को बेरी के स्वराजगंज में आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। सम्मान समारोह के उपरांत कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने नगर पालिका बेरी द्वारा नवनिर्मित 212.12 लाख रुपए की लागत से तैयार सामुदायिक केंद्र तथा 135.69 लाख रुपए की लागत से तैयार पुस्तकालय का उद्घाटन किया।
हाजिरी के लिहाज से सफल सम्मान समारोह में श्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि देश का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी गरीब के घर में पैदा हुआ और गरीबी के दर्द को महसूस करता है। मां-बहनों को धुए से निजात दिलाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के घरेलू गैस के कनेक्शन दिए तथा प्रधानमंत्री आरोग्य योजना से गरीब परिवारों को साल में पांच लाख रुपए का निशुल्क इलाज कराने जैसी सुविधाएं दी है। उन्होंने भाजपा सरकार द्वारा किसान हितैषी उपलब्धियों को गिनाते हुए हरियाणवी लहजे में कहा कि इसा काम कर दिया कि बाजरा और धान को बराबर कर दिया। बीते खरीफ सीजन में बाजरा की सरकारी खरीद 1950 रुपए प्रति क्विंटल की गई। गन्ने का भाव प्रति क्विंटल 340 रुपए जोकि देश में सबसे अधिक है चार साल में प्रति एकड़ 300 क्विंटल गन्ना उगाने वाले किसान को पिछली सरकार की तुलना में 12 हजार रुपए अधिक मिले। हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के उपरांत प्राकृतिक आपदा से नष्ट फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए 12 हजार रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया गया।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि साढ़े चार साल के कार्यकाल में किसान की जेब में छ: हजार करोड़ रुपए अधिक आए है। जिनमें फसलों के मुआवजा के तौर पर 2500 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 1140 करोड़ रुपए, बाजरा की खरीद और अब प्रधानमंत्री सम्मान निधि के तहत प्रति वर्ष किसान को मिलने वाले छ: हजार रुपए की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी छ: हजार रुपए की नई योजना जिसमें किसान के साथ-साथ मजदूर, छोटा दुकानदार, नाई, मोची, लकड़ी का काम करने वालों को भी शामिल किया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि के पहली किश्त दो हजार रुपए तो किसानों के खाते में भी आ चुकी है।