कोसली (ओमप्रकाश डाबला ) विजय दिवस के अवसर पर आज कोसली युद्ध स्मारक पर भारी संख्या में पूर्व सैनिक एकत्रित होकर 1971 के युद्ध के शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए 2 मिनट का मौन धारण किया और श्रद्धांजली दी । इस समारोह में उपस्थित सभी पूर्व सैनिकों जिनमें वृद्ध एवं जवान सभी ने अपने सिने पर मैडल लगा रखे थे तथा एक दूसरे से देश की रक्षा के विषय में बात कर रहे थे तथा उनको देख कर ऐसा प्रतित हो रहा था मानों वे युद्ध के लिए सदैव तैयार हैं ।
इस अवसर पर पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कर्नल सोहन लाल ने बताया कि यह युद्ध संसार के इतिहास में एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है जिसमें सेना के तीनों अंगों ने भाग लिया था । आज के दिन यह समारोह देश के विभिन्न राज्यों में भी मनाया जा रहा है । यह एक ऐतिहासिक युद्ध था जिसमें 95000 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना के सामने आत्म समर्पण किया तथा इससे बंगलादेश का नये राष्ट्र के रुप में उदय हुआ ।
डाॅ0 टी सी राव, संयोजक, शहीद कल्याण फाउंडेशन ने 1971 के युद्ध में भाग लेने वाले वेटनर्स और पूर्व सैनिक अधिकारीयों, जे सी ओ, जवानों तथा वहां उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का इस समारोह में उपस्थित होने के लिए आभार व्यक्त किया तथा बताया कि 16 दिसंबर 1971 को स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गांधी, भारतरत्न, तत्कालिन प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में लड़ा गया । यह युद्ध एक ऐतिहासिक युद्ध था इस युद्ध के बाद ही बंगलादेश का उदय हुआ इस युद्ध के महानायक थे फिल्ड मार्शल एस एच एफजे मानेकशाह, महावीर चक्र, पूर्व एचर चीफ मार्शल प्रताप चंद लाल, पदम विभुषण, पदम भुषण, डी एफसी व पूर्व एडमिरल एस एम नंदा, पी वी एस एम । हमारे इस प्रयास से शहीदों के परिवारों का मनोबल बढेगा और यही हमारी तरफ से उन वीर अमर शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजली होगी । इस अवसर पर कैप्टन रामफल ने भी अपना व्यक्त रखा तथा शहीदों को श्रद्धांजली दिये ।