नया वित्ता वर्ष शुरू होने से पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को बड़ी राहत दी है। आरबीआई ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दी है। RBI के इस फैसले के बाद होम लोन सस्ता हो जाएगा। मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने नीतिगत दर में कटौती के पक्ष में जबकि दो सदस्यों ने इसके खिलाफ अपना मत दिया।
आरबीआई ने मार्च तिमाही के लिये प्रमुख मुद्रास्फीति अनुमान घटाकर 2.8 प्रतिशत किया। अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए यह अनुमान 3.2 से 3.4 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2019-20 की तीसरी तिमाही के लिए 3.9 प्रतिशत किया।
समिति के दो सदस्यों चेतन घाटे और विरल आचार्य ने नीतिगत दर यथावत रखने के पक्ष में मत दिया। रिजर्व बैंक के रुख को बदलकर तटस्थ करने का फैसला आम सहमति से किया गया। केंद्रीय बजट प्रस्तावों से खर्च योग्य आय बढ़ने से मांग को गति मिलेगी, असर दिखने में समय लग सकता है।