रायबरेली। कांग्रेस की पहचान क्या है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट करते हुए रामचरित मानस की एक चौपाई सुनाई…झूठै लेना, झूठै देना, झूठै भोजन, झूठै चबैना। कहाकि सिर्फ झूठ बोलना ही इनका काम है। उन्होंने विकास की बातें करते हुए कई बार रेलकोच कारखाना के ठहराव को याद दिलाया।
फिर कांग्रेस से रिश्ते-नातों को जोड़ते हुए मामा, अंकल कहकर चुटकी ली। कौन मामा, कौन अंकल? यह तो स्पष्ट नहीं किया लेकिन क्वात्रोची और मिशेल का नाम लेकर इशारा साफ कर दिया। कुल 50 मिनट बोले, लेकिन उन्होंने स्थानीय सांसद सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का एक बार भी नाम नहीं लिया। सपा व बसपा पर भी एक शब्द नहीं बोले।
प्रधानमंत्री यूं तो पहली बार रायबरेली आए थे। रविवार को रेलकोच परिसर में आयोजित सभा में वे ठीक 11 बजकर 47 मिनट पर माइक पर बोलना शुरू किए और 12 बजकर 37 मिनट पर भारत माता की जय के साथ संबोधन को खत्म किया।
भाषण के दौरान वे दो मिनट के लिए मौन भी हुए, क्योंकि सामने दीर्घा में कुछ युवा कार्यकर्ताओं ने मोदी-मोदी के नारे और भारत माता की जयकार का उद्घोष कर रहे थे। उन्होंने इसे देखा और कहा कि यहां के युवा जोशीले हैं। फिर उन्हीं से अनुमति मांगी।
पूछा क्या मैं अब बोलूं… आप इजाजत देंगे तभी बोलूंगा। इसके बाद फिर वे अपने भाषण की पटरी पर आए और कहा कि जिसने सबसे ज्यादा शासन किए उसने सबको गुमराह किया। किसी को नहीं छोड़ा। देश की सुरक्षा के बाबत भी उनके यहां सवाल उठते हैं।