नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) कर्मचारी संघ हरियाणा की दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन ही एनएचम कर्मचारियों में फूट दिखी। जहां अधिकतर कर्मचारी हड़ताल में शामिल हो मांगों को लेकर नारेबाजी में जुटे थे, वहीं कुछ एम्बुलेंस पर कार्यरत एनएचएम कर्मचारी ड्यूटी में व्यस्त दिखे। इसको लेकर दोनों पक्षों में बहस हो गई और नौबत तू-तू मैं-मैं तक जा पहुंची। मीडियाकर्मी वहां पहुंचे तो हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने तुंरत एम्बुलेंस चालक को शांत करवाकर वहां से चलता कर दिया। एम्बुलेंस चालक ने आरोप लगाया कि हड़ताली कर्मचारियों ने उससे अभद्र व्यवहार किया। वहीं एनएचएम कर्मचारी संघ के जिला प्रधान तरनदीप ने बताया कि किसी के साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया गया। एम्बुलेंस चालक से हड़ताल में शामिल न होने का कारण पूछा था, लेकिन वह कारण बताने की बजाय भड़क गया। इस पर कुछ मिनट के लिए विवाद हो गया था। हालांकि बाद में वह वहां से चला गया।
सरकार के खिलाफ भड़के एनएचएम कर्मचारी
हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने नियमित करने व सेवा सुरक्षा प्रदान करने की मांग को मुख्य रूप से उठाया। जिला प्रधान तरनदीप ने बताया कि इसके अंतर्गत कई कर्मचारी 1998 से कार्यरत हैं। इस सेवा अवधि के दौरान कर्मचारियों को केवल एकमुश्त वेतन दिया जाता है जोकि एक रेगुलर कर्मचारी के मुकाबले एक चौथाई है। इसके अलावा अन्य कोई वृद्धि या वित्तीय लाभ नहीं दिया गया। प्रधान ने बताया कि कर्मचारियों को बिना ही पीएफ, ईएसआई एवं ईल की सुविधा से वंचित रखा गया है और बीमारी की अवस्था में बिना वेतन छुट्टी पर रहना पड़ता है। इस दौरान जिन कर्मचारियों की मृत्यु या दुर्घटना का शिकार हुए उनके परिजनों को किसी प्रकार की कोई क्षतिपूर्ति नहीं प्रदान की जाती। इस दौरान रफल ट्रांसपोर्ट से लाल चंद, फ्लीट मैनेजर अंजली शर्मा, डीपीएम कविता, डैम कुणाल, मनोज जिला अधिकारी स्कूल हेल्थ, नेहा आदि कई कर्मचारी मौजूद रहे।
नियम के तहत कर्मचारी हो चुके हैं ओवरएज
जिला प्रधान तरणदीप ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा जो सेवा नियम 1 जनवरी 2018 से लागू किए गए उसमें सेवा सुरक्षा प्रदान नहीं की गई, क्योंकि अधिकांश कर्मचारी ओवरएज हो चुके हैं और उनको अन्य विभागों द्वारा भी नौकरी नहीं मिल सकती। इसी कारण कर्मचारियों द्वारा सेवा सुरक्षा मांगी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों की भी परवाह नहीं
जिला प्रधान तरणदीप ने बताया अतिरिक्त सेवा नियमों में जो वेतन विसंगतियां रह गई थीं। उस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि 1 महीने में दूर कर दी जाएंगी, परंतु उच्चाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के आदेशों को अनदेखा कर दिया है। हालात है आज तक वेतन विसंगतियां दूर नहीं की गईं।