विधानसभा चुनाव 2018 में तीन अहम राज्यों में हार के बाद भाजपा में भी विरोध के सुर उठ रहे हैं, भले ही यह अभी अप्रत्यक्ष रूप से सामने आया हो। केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को भाजपा की हार पर अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि ‘नेतृत्व’ को ‘हार और विफलताओं’ की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
गडकरी ने कहा, “सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता। सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं।”
नितिन गडकरी यहां पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। भाजपा नेता नितिन गडकरी अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता।
बैंक के संदर्भ में बात करते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि कई बार बैंक सफल हो जाते हैं तो कई बार बैंक बंद भी हो जाते हैं। संस्थान को दोनों ही स्थितियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन राजनीति में जब सफलता मिलती है तो उसका श्रेय लेने की होड़ लग जाती है और जब हार से सामना होता है तो कोई भी आपसे पूछने नहीं आता है।