प्रदेश के मुख्य सचिव डी एस ढेसी ने वीडियो कानफ्रे सिंग के माध्यम से किसान सम्मान निधि योजना को लागू करने के लिए शुक्रवार को जिला प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए। उपायुक्त सोनल गोयल ने मुख्य सचिव की वीडियो कानफे्रंस उपरांत संबधित विभागीय अधिकारियों के साथ योजना को प्रदेश सरकार द्वारा तय की गई समय सीमा में अमलीजामा पहनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा प्रस्तुत अंतरिम बजट 2019 में किसानों को मजबूती देने के लिए हर साल 6 हजार रूपये पेंशन देने की जो घोषणा की थी, उस पर हरियाणा सरकार ने किसान हित में बड़ी तेजी से काम शुरू कर दिया है। पात्र किसानों को योजना के तहत दो हजार रूपये की पहली किस्त मार्च के प्रथम सप्ताह तक हर हाल में दी जानी है। इसलिए सरकार के निर्देशानुसार जिला में दस फरवरी से ही किसान सर्वे का कार्य शुरू किया जाएगा । डीसी ने 25 फरवरी तक किसान सर्वे व सर्वे रिकार्ड को अपलोड करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त श्रीमती गोयल ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक वह किसान जिसके पास 2 हैक्टेयर से कम (4.9 एकड़ से कम या 40 कनाल) भूमि की जोत है, वह इसका लाभ लेने के पात्र है। इसमें एक किसान की बजाय परिवार को यूनिट माना गया है। उन्होने बताया कि पति-पत्नी और अव्यस्क बच्चों को परिवार माना गया है। जमीन पात्र किसान के नाम एक फरवरी 2019 तक होनी चाहिए। कोई कम्पनी जिसके नाम जमीन हो, सरकारी कर्मचारी व करदाता इसके पात्र नही होंगे। उन्होने बताया कि यदि एक परिवार की जमीन कई जगह यानि कई हदबस्तो में है, तो वह कुल मिलाकर 2 हैक्टेयर से कम होनी चाहिए। यदि एक परिवार में 4 व्यक्ति हैं, जो सबसे ज्यादा जमीन का मालिक या जिसके नाम जमाबंदी होगी, उसे ही किसान पेंशन का लाभ मिलेगा। यदि बराबर के हिस्सेदार हैं तो व्यस्क यानि सबसे ज्यादा उम्र का व्यक्ति पात्र होगा।
उपायुक्त ने झज्जर जिला में किसान सम्मान निधि योजना के सही क्रियान्वन के लिए जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि 10 फरवरी से ही गांव वार कैम्प लगने शुरू हो जाएंगे। ग्राम सचिवालय या पंचायत घर में पात्र किसानों को इस स्कीम की पेंशन के फार्म वितरित करने के बाद उन्हे भरवाकर एकत्र किया जाएगा। भरे हुए फार्म को सम्बंधित ग्राम सचिव व पटवारी तसदीक करेंगे। उनके साथ नंबरदार यानि तीन सदस्यों की टीम के हस्ताक्षर होंगे।