कृषि मंत्री औम प्रकाश धनखड़ ने कहा गौ-सेवकों पर अभिमान
झज्जर, समाचार क्यारी संजय शर्मा/ रवि कुमार: गौ सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर 30 करोड़ रूपये तक कर दिया है, जबकि गाय की नस्ल सुधार व दुध उत्पाद बढ़ाने के लिए 50 करोड़ रूपये की लागत से मशीनें स्थापित की गई हैं। विदेशों की तर्ज पर टेस्ट टयूब बेबी की तकनीक पर ऐसी बछड़ी पैदा की जाएगी, जिनसे दूध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
प्रदेश के कृषि एवं पशु पालन मंत्री औम प्रकाश धनखड़ ने रविवार को झज्जर स्थित क्षेत्र की प्राचीनतम श्री गौशाला के शताब्दी वर्षों एवं बसंत पंचमी के पावन पर्व पर आयोजित वार्षिक उत्सव ,यज्ञ एवं भजन समारोह में शिरकत करते हुए यह बात कही। पशु पालन मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने गौ सुरक्षा का देश में सबसे सख्त कानून बनाकर लागू किया। गौ सेवा हमारी समृद्घ संस्कृति व संस्कारों का अभिन्न अंग है । गौ सेवक इस समृद्घ संस्कृति व संस्कारों को आगे बढ़ा रहे हैं उन पर हमें अभिमान है।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के समय गौ सेवा आयोग का बजट लगभग 50 लाख रूपये था। हमारी सरकार ने गौ सरंक्षण व सर्वधंन के हमारे सकंल्प ने केवल गौ रक्षा का सख्त कानून ही नहीं बनाया बल्कि गौ सेवा आयोग का बजट बढ़ाकर 30 करोड़ रूपये किया। गौ सेवा का बजट बढ़ाकर गौ सेवा के संस्कार व संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम किया है। पशु पालन मंत्री ने कहा कि हमारी देसी नस्ल की गायों की अच्छी नस्ल की बछड़ी पैदा हों इसके लिए विदेशी तकनीक की मदद ली जा रही है। इसके लिए लगभग 50 करोड़ रूपये की लागत से आधुनिक मशीनें स्थापित की जा रही हैं।
जिनका लाभ पशु पालकों को जल्द मिलना शुरू होगा । उन्होंने कहा कि पशु नस्ल सुधार के लिए लगभग 53 श्रेणियों में प्रथम रहने वाले पशु पालक को अढ़ाई लाख रूपये तक ईनाम दिए जा रहे हैं। पशु रत्न अवार्ड शुरू किया गया है जिसके तहत एक लाख रूपये तक अवार्ड दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास दूध उत्पादन को बढ़ाकर पशु पालकों की आय को बढ़ाना है। फिलहाल प्रदेश में प्रति पशु दुध उत्पादन 6.8किलोग्राम है जबकि हमारा लक्ष्य 10 किलोग्राम प्रति पशु तय किया है। दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए हम तकनीक के सहारे आगे बढ़ रहे हैं।