नई दिल्ली : दिल्ली सरकार और उप राज्यपाल के अधिकारों को लेकर बीच चल रही बहस पर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले को आम आदमी पार्टी (आप) ने अस्पष्ट बताया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में कोई भ्रष्टाचार करता है तो उन्हें उसपर कार्रवाई करने के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला संविधान और लोगों की अपेक्षाओं के खिलाफ है। और कहा कि इसकी चाबी दिल्ली की जनता के पास है। उन्होंने कहा कि हमें अनशन करके दिल्ली के अधिकारों की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। इंसाफ के लिए बीजेपी के पास जाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने उपराज्यपाल के घर में बैठकर 10 दिन तक अनशन किया, फिर भी कोई फैसला नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दिल्ली की जनता से अपील करते हैं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वह दिल्ली की सभी 7 सीट आम आदमी पार्टी को दें, ताकि हम संसद में दबाव बना सकें और दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने के लिए हम पूरी लड़ाई लड़ेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम कोर्ट की इज्जत करते हैं, लेकिन ये फैसला दिल्ली वालों के साथ अन्याय है. हम लोग 4 साल से ये सब भुगत रहे हैं।
आप के साथ गठबंधन से कांग्रेस ने किया इनकार
कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन से ‘‘काफी हद तक’’ इनकार कर दिया है। उनका यह बयान तब आया है जब उन्होंने एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं के साथ एक बैठक में भाग लिया। कांग्रेस के साथ गठबंधन पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उसने आप के साथ गठबंधन से ‘‘काफी हद तक’’ इनकार कर दिया है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के लिए आप ज्यादा उत्सुक हैं, इस पर उन्होंने कहा कि त्रिपक्षीय मुकाबले से भाजपा को फायदा मिलेगा।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के लिए संयुक्त भाजपा रोधी मोर्चे पर आगे बढ़ते हुए राहुल गांधी और ममता बनर्जी समेत विपक्ष के शीर्ष नेता मोदी सरकार को सत्ता से बाहर करने तथा चुनाव पूर्व गठबंधन बनाने पर विचार करने के लिए साझा न्यूनतम कार्यक्रम तैयार करने के वास्ते एक साथ मिलकर काम करने पर बुधवार को राजी हुए। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यहां अपने आवास पर बैठक की मेजबानी की। बैठक में कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और केजरीवाल पहली बार एक साथ दिखे।