दिल्ली की एक अदालत ने छह करोड़ रुपये से अधिक के धनशोधन मामले हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला को शुक्रवार को जमानत दे दी। अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच के दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया।
विशेष न्यायाधीश कामिनी लाउ ने चौटाला की अर्जी पर उन्हें राहत प्रदान की। वह अदालत के समक्ष पेश हुए थे। अदालत ने उन्हें आरोपी के तौर पर तलब किया था। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र में उन्हें आरोपी बनाया है।
अदालत ने उन्हें पांच लाख रुपये के निजी मुचलके और उतनी ही राशि की जमानत भरने का निर्देश दिया। हालांकि अदालत ने उन पर पासपोर्ट जमा करने समेत कई शर्तें भी लगायीं।
अपनी अर्जी में चौटाला ने कहा कि उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जरुरत नहीं है क्योंकि स्वयं एजेंसी ने उन्हें गिरफ्ताaर करने का फैसला नहीं किया।
चौटाला की अर्जी का ईडी के विशेष वकील एन के मट्टा ने विरोध किया। मट्टा ने कहा कि इस बात का पता लगाने के लिए आरोपी की और जांच की जरुरत है कि धन कहां-कहां और किन किन हाथों से गुजरा तथा अन्य लाभार्थी कौन हैं।
चौटाला फिलहाल शिक्षक भर्ती घोटाला से जुड़े एक अन्य मामले में दस साल की कैद की सजा काट रहे हैं।
अंतिम रिपोर्ट में चौटाला पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम की धाराएं तीन और चार के तहत मुकदमा चलाने की मांग की गयी है। ईडी ने अदालत को बताया कि चौटाला ने मई, 1993 और मई, 2006 के बीच 6.09 करोड़ रुपये की आय से ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति अवैध रुप से अर्जित की और इस संपत्ति को निर्माण एवं चल संपत्तियां बनाने में उपयोग कर वैध संपत्ति के रुप में पेश किया।